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10) मूंगफली
यह भोज्य पदार्थ तथा तेल दोनों उद्देश्य से बोयी जाती है।
यह महत्वपूर्ण नकदी फसल है ।
यह खरीफ की फसल है, जिसे पकने में 3-4 माह लग जाते हैं।
मूँगफली उत्पादक प्रमुख जिलों में मंदसौर, नीमच, खरगोन, धार, मालवा का पठार, नर्मदा घाटी के निचले हिस्से में की जाती , है।
सर्वाधिक मूँगफली का उत्पादन खरगोन जिले में होता है।
11) गन्ना
गन्ने की फसल के लिए दिन का ताप 25 से 35० से ग्रे, होना चाहिए तथा 9 से 14 माह में गन्ने की फसल तैयार होती है।
इसके लिए दोमट मिट्टी तथा उपयुक्त सिंचाई सुविधा आवश्यक है।
म.प्र. के बालाघाट, उज्जैन, सीहोर , ग्वालियर , निमाड़, शाजापुर , रतलाम नरसिंहपुर आदि जिलों के लगभग 1 लाख हेक्टेयर में गन्ने की कृषि की जाती है।
गन्ने का सर्वाधिक उत्पादन नरसिंहपुर जिले में होता है।
(12) मेस्टा
यह एक रेशेदार फसल है। मेस्टा म.्र, के गुना,. भिण्ड, शिवपुरी, राजगढ़, रीवा में होता है।
(13) सनई
यह रेशेदार फसल है
सनई MP के श्योपुर, मण्डला, छिंदवाड़ा, सीधी, सिगरौली, रीवा, निमाड़, होशंगाबाद, बैतूल आदि जिलों में होती है।
(14) अफीम
अफीम से एल्केलाइड प्राप्त होता है, जो दवाइयों के निर्माण में काम आता है।
MP के अफीम उत्पादक जिले मंदसौर और नीमच है।
(15) गाँजा
यह एक नशीला एल्केलाइड है।
गाँजा म.प्र. के खण्डवा एवं बुरहानपुर जिले में उत्पादित किया जाता है।
इसके अलावा उत्तरी उज्जैन एवं उत्तरी रतलाम में होता है।
(16) बाजरा
मोटे अनाज में बाजरा प्रमुख फसल है।
बाजरा उत्पाद में म.प्र. सातवें स्थान पर है।
(17) जौ
भारत की सबसे प्राचीन फसल है।
जौ उत्पादन में MP पाँचवें स्थान पर है।