परमाणु बम का सिद्धांत नाभिकीय विखंडन घर आधारित है। 

• विद्युत वाहक बल का मान विभवान्तर से सदैव अधिक होता है। 

• नाभिकीय रिएक्टर में ईंधन के रूप में यूरेनियम का प्रयोग होता है। 

• नाभिकीय रिएक्टर में होने वाले अभिक्रिया के नियंत्रण के लिए कैडमियम या बोरॉन की छड़ों का प्रयोग किया जाता है। 

• नाभिकीय रिएक्टरों में न्यूट्रॉनों की गति को धीमा करने के लिए भारी जल या ग्रेफाडइट को मन्दक के रूप में प्रयोग किया जाता है। 

• हाइड्रोजन बम का निर्माण नाभिकीय संलयम पर अधारित है। 

• सूर्य और तारो में ऊर्जा का स्रोत नाभिकीय संलयन है। 

• X-किरणों का उपयोग यात्रिकी में, उद्योगों में, जासूसी मेँ, कला में, अनुसंधान तथा चिकित्सा जगत में टूटी हड्डियों का पता लगाने में किया जाता है। 

• कोआल्ट-60 का प्रयोग कैंसर के इलाज में किया जाता है। 

• चाय बनाने के लिए विद्युत द्वारा केतली में पानी संवहन विश्नि द्वारा गर्म होती है। 

• इन्द्रधनूव आकाश में वर्षा के बाद सूर्य के ठीक विपरीत दिशा में बनता है। 

• ट्यूबलाइट में आर्गन गैस पारे के साथ भरी जाती है जबकि मुख्य रूप में नाइट्रोजन होती है। 

• चुम्बक मुख्यतः लोहे और इस्पात के बनाये जाते है। 

• सबसे पहले नाभिकीय रिएक्टर शिकागो में बनाया गया था। 

• गुरुत्वीय त्वरण g का मान 9.8 m/s2  होता है, जबकि सार्वत्रिक गुरुत्वीय नियतांक g का मान 6.6734×10-11 Nm2/ke  होता है। 

• g की इकाई  N-m2/kg है। 

• ध्रुवों पर g का मान महत्तय तथा विषुवत रेखा 'पर न्‍यूमतम होता है। 

• पृथ्वी के केन्द्र पर g  का मान शून्य होता है। 

• जल पृष्ठ पर तरंगे, ऊर्जा की बाहक होती है। 

• पारा, थर्मामीटर के नली को नहीं भिंगोता। 

• केल्बिन मापक्रम का शून्य -273℃ होता है। 

• सूर्य एक गैसीय गोला है, जिसमें 71 % हाइड्रोजन, 26.5% हीलियम और 2.5% अन्य तत्व होता है। 

• पृथ्वी द्वारा सूर्य के चक्कर लगाने में किया गया कार्य शून्य होता है। बाशिंग मशीन अपकेन्द्रण के सिद्धांत पर कार्य करती है। 

• पहाड़ों पर खाना देर से पकता है क्योंकि यहाँ वायुमण्डलीय दाब कम होने के कारण जल का क्वथनांक कम हो जाता है। 

• रेल को पटरियों के बीच कुछ जगह छोड दी जाती है, क्योंकि पटरियाँ गर्मियों में उष्मा पाकर प्रसारित होती है। 

• जल के जमने से इसका आयतन बढ़ता है, यही कारण है कि जाड़ो में कभी-कभी नल के पाईप फट जाता है। 

• केन्डिला ज्योति तीव़ता का मात्रक है। 

• सीस्मोग्राफ द्वारा भुकम्प तरंगों को मापा जाता है। 

• साबुन के बुलबुला व्यक्तिकरण के कारण रंगीन दिखाई पड़ता है। 

• भूस्थिर उपग्रह की पृथ्वी से ऊँचाई 36000 किमी होती है। 

• ग्रहों को कक्षा में नियमित रखने वाले बल को गुरूत्वीय बल कहते है। 

• बरनौली प्रमेय के अनुसार, जिस स्थान पर द्रव का वेग अधिक होता है वहाँ दाब कम होता है। 

• बरनौली के प्रमेय के अनुसार गहरा जल शांत बहता है। ; 

• रॉकेट की गति और जेट-बिमान संवेग संरक्षण के सिद्धांत पर आधारित है। 

• जब प्रकाश वायु से कॉँच में प्रवेश करता है, तो इसकी चाल घट जाती है। 

• ट्रॉसफार्मर का क्रोड नर्म लोहे का बना होता है। 

• रेडियो का सुनना अनुनाद के कारण संभव है। 

• कमरे में रखे रेफ्रिजरेटर का दरवाजा खोल देने पर कमरे का ताप बढ़ जाता है। 

• साइकिल में हवा भरते समय पम्प बैरल रूद्धोष्म परिवर्तन के कारण गर्म हो जाता है। 

• कम घनत्व के कारण बादल बायुमंडल में तैरते है। 

• बैक-नम्बर का प्रयोग जहाजों के लिए किया जाता है। 

• दूध से क्रीम अलग करने पर दूध का घनत्व बढ़ जाता है। 

• डॉप्लर प्रभाव का प्रयोग अकाशीय पिण्डों के वेग ज्ञात करने में किया जाता हे। 

• यदि किसी वस्तु का द्रव्यमान m एवं प्रकाश का वेग C है, तो इसके द्रव्यमान से सम्बद्ध उर्जा E=mc 2 होती है। 

• किसी स्थान पर पृथ्वी का सम्पूर्ण चुम्बकीय क्षेत्र क्षैतिज तल के साथ जितना कोण बनाता है, उसे उस स्थान का नमन कोण कहते है। 

• किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय याम्योत्तर के बीच के कोण को दिकपात कोण कहते है। 

• अस्थायी चुम्बक बनाने के लिए नर्म लोहे का प्रयोग किया जाता है जबकि स्थायी चुम्बक बनाने के लिए इस्पात का प्रयोग किया जाता है। 

• शुद्ध फ्यूज टीन का बना होता है। 

• प्राकृतिक चुम्बक फेरस लौह ऑक्साइड  है, जिसका आकार निश्चित नहीं होता है। 

• ट्रांसफॉर्मर विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है। 

• माइक्रोफोन विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत पर आधारित होता है। 

• कैथोड किरणें अदृश्य किरणें होती है। 

• कैथोड किरणों का वेग प्रकाश के वेग का 1/10 गुणा होता है। 

• हवाई जहाज में फाउटेंन पेन से स्थाही बाहर निकल जाती है, क्‍योंकि ऊँचाई बढ़ने से वायुदाब में कमी होती है। 

• एक स्थिर चुम्बक का हमेशा उत्तर-उत्तर तथा दक्षिण-दक्षिण को दर्शाती है।

• बर्फ के दो टुकड़ो को आपस में दबाने पर टुकड़े आपस में चिपक जाते है क्योंकि दाब अधिक होने से बर्फ का ग्लनांक घट जाता है। 

• जब प्रकाश वायु से काँच में जाता है तो उसका तरंगदैर्ध्य घटता है। 

• बैगनी रंग का अपवर्तनांक सबसे अधिक होता है। 

• श्वेत प्रकाश सात रंगों का मिश्रण होता है। 

• उत्पलावन बल में डूबे भाग के बराबर आयतन, द्रव के भार के आयतन बराबर होता है। 

• किसी वस्तु का भार निर्वात में अधिकत्तम होता है। 

• पृष्ठ तनाव का मात्रक न्यूटन प्रति मीटर  होता है। 

• दूर की वस्तुओं को देखने के लिए टेलिस्कोप का प्रयोग किया जाता है। 

• पृथ्वी के भोगोलिक तथा चुम्बकीय अक्ष के बीच का कोण 18° होता है। 

• फ्यूज तार का ग्लनांक बहुत कम होता है। 

• पराश्रव्य तरंगो का उपयोग संकेत भेजने भें किया जाता है। 

• तापक्रम बढ़ने से हवा का घनत्व घटता है। 

• बर्फ का घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है यही कारण है कि वह पानी में तैरता रहता है। 

• सर्वाधिक आघातवर्ध्य धातु सोना है। 

• बर्फ ओर ढलवाँ लोहा को गर्म करने पर इसका आयतन घट जाता है। 

• गर्म करने पर ठोस पदार्थों का घनत्व सामान्यतः घटता है। 

• बर्फ एवं ढ़लवाँ लोहा को गर्म करने पर घनत्व बढ़ता है। 

• बर्फ की गुप्त उष्मा 80 किलो कैलारी होती है। 

• ध्वनि का प्रसारण निर्वात में संभव नहीं है। 

• चन्द्रमा पर वायुमंडल की अनुपस्थिति के कारण प्रतिध्वनि नहीं सुनाई पड़ती है। 

• उत्तल दर्पण में बना प्रतिबिम्ब हमेशा काल्पनिक, सीधा तथा वस्तु से छोटा होता है।

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