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प्र. मध्‍य प्रदेश के महान संगीतकार पद्म विभूषण उस्‍ताद अलाउद्दीन खान ….. में बस गए।

(अ) चंदेरी

(ब) कटनी

(स) मैहर

(द) मांडू

उत्‍तर – (स)

व्‍याख्‍या – उस्‍ताद अलाउद्दीन खान बीसवीं सदी के महान संगीतकार और संगीत शिक्षक थे। ये प्रसिद्ध सरोद वादक भी थे। इन्‍हें कला के क्षेत्र में सन् 1958 में पद्म भूषण से सम्‍मानित किया गया था।

प्र. 1925 में राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के संस्‍थापक कौन थे?

(अ) महात्‍मा गांधी

(ब) वीडी सावरकर

(स) लोकमान्‍य बाल गंगाधर तिलक

(द) के.बी.हेडगेवार

उत्‍तर – (द)

व्‍याख्‍या – वर्ष 1925 को विजयादशमी के दिन डॉ.केशव ब‍लिराम हेडगेवार ने संघ कार्य की शुरूआत की।

प्र. उस इंटीरियर डिजाइनर का नाम बताऍं  जिन्‍होंने भारत की सबसे लक्‍जरी ट्रेन ‘द पैलेस ऑन व्‍हील्‍स एंड द रॉयल ओरिएंट’ के आं‍तरिक  भाग डिजाइन किये।

(अ) अंजुम जुंग

(ब) राजीव सैनी

(स) टि्वंकल खन्‍ना

(द) मोनिका खन्‍ना

उत्‍तर – (द)

प्र. खजुराहों में प्रत्‍येक वर्ष ‘लोकरंजन’ नामक राष्‍ट्रीय त्‍यौहार आयोजित होता है,  जिसका संबंध निम्‍नलिखित में से किसके साथ है?

(अ) शास्‍त्रीय नृत्‍य

(ब) शास्‍त्रीय संगीत

(स) लोक नृत्‍य और कला

(द) हिन्‍दी फिल्‍म

उत्‍तर – (स)

व्‍याख्‍या – लोकरंजन महोत्‍सव मध्‍यप्रदेश के पर्यटन विभाग द्वारा खजुराहो में हर वर्ष आयोजित किया जाता है। यह लोक नृत्‍य और कला का राष्‍ट्रीय महत्‍व है। यह महोत्‍सव मध्‍यप्रदेश के आदिवासी और ग्रामीण जीवन शैली के रंग और रचनात्‍मकता को जानने का अवसर है।

प्र. भरम, सेतम, सैला और अहिराई मध्‍यप्रदेश की निम्‍नलिखित मे से किस जनजाति  की पारंपरिक नृत्‍य शैलियॉं है?

(अ) भारिया

(ब) गोंड

(स) भील

(द) बैगा

उत्‍तर – (अ)

व्‍याख्‍या – मध्‍यप्रदेश में 46 प्रकार की जनजाति और प्रजाति रहती है जिनमें भारिया भी शामिल है। इस जन‍जाति में कई नृत्‍य भी है सबसे प्रसिद्ध नृत्‍य भड़म है जो विवाह या किसी भी खुशी के अवसर पर सबसे प्रिय माना जाता है इसके अलावा कुछ अन्‍य गुन्‍नू, साही भड़नी, भड़नई, भरनोटी, भंगम शामिल है।

प्र. मध्‍यप्रदेश के डॉ.विष्‍णु श्रीधर वाकणकर निम्‍नलिखित में से किस क्षेत्र से सं‍बंधित  है।

(अ) पुरातत्‍व

(ब) समाज सेवा

(स) मानव-शास्‍त्र

(द) परमाणु ऊर्जा

उत्‍तर – (अ)

व्‍याख्‍या – डॉ.विष्‍णु वाकणकर ने मध्‍यप्रदेश के भीमबेटका के प्राचीन शिलाचित्रों का अन्‍वेषण किया। इन्‍होंने लगभग 50 वर्षों तक जंगलों में घुमकर हजारों प्रकार के चित्रित शैल आश्रयों का पता लगाकर इस विषय को विस्‍तार किया।

प्र. मध्‍यप्रदेश के कुछ हिस्‍सों में ‘ढोला मारू’ नामक लोक गीत की उत्‍पत्ति निम्‍नलिखित में से किस राज्‍य में हुई?

(अ) उत्तर प्रदेश

(ब) महाराष्‍ट्र

(स) राजस्‍थान

(द) गुजरात

उत्‍तर – (स)

व्‍याख्‍या – ढोला पारू ग्‍यारहवीं शताब्‍दी का लोकगीत है। इसका विस्‍तार कुशलराय वाचक ने किया । इसमें राजकुमार ढोला और राजकुमारी मारू की प्रेमकथा का वर्णन है। इसका दोहा है- सोरणियों दूहो भलो, भलि मरवणरी बात। जोवन छाई धग भली, तारांछाई रात।

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