मध्यप्रदेशकी नदियां (Rivers of Madhya Pradesh)
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मध्यप्रदेश की नदियों की लम्बाई का क्रम-
म.प्र. से कई नदियों का उद्गम होने के कारण इसे नदियों का मायका कहा जाता है|
म.प्र. की 5 सबसे बड़ी नदियाँ निम्नलिखित हैं-
1.नर्मदा नदी (1312 किमी.),
2.चम्बल नदी (965 किमी.),
3.सोन नदी (780 किमी.),
4.ताप्ती नदी (724 किमी.),
5.बेतवा नदी (590 किमी.)
उत्तरी प्रवाहित प्रमुख नदियाँ
चम्बल नदी
उद्गम – चम्बल नदी का उद्गम जानापावा पहाड़ी (महू) इंदौर से हुआ है।
लम्बाई – 965 किमी.
मुहाना – चम्बल नदी उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में यमुना में मिल जाती है।
चम्बल की सहायक नदियाँ –
• क्षिप्रा – मालवा की गंगा कही जाने वाली क्षिप्रा का उद्गम इंदौर जिले की काकड़ी बर्डी पहाड़ी से होता है।
• शिवना – शिवना नदी के किनारे मंदसौर शहर स्थित है।
चम्बल नदी की प्रमुख परियोजनाएँ –
• गाँधी सागर – मंदसौर, म.प्र.
• राणा सागर – चित्तौड़गढ़, राजस्थान
• जवाहर सागर – कोटा, राजस्थान
• कालीसिंध – कालीसिंध का उद्गम बागली गांव, देवास से होता है।
• पार्वती – पार्वती का उद्गम आष्टा, सीहोर जिले से होता है।
• कूनो – कूनो का उद्गम शिवपुरी पठार से होता है, इस नदी के किनारे पालपुर कूनो वन्य जीव अभ्यारण्य स्थित है।
• बनास – चम्बल की सबसे बड़ी सहायक नदी का उद्गम अरावली पर्वत श्रेणी “कुंभलगढ़’’ (राजस्थान) से होता है।
• सीप – सीप नदी का उद्गम श्योपुर से होता है, इस पर बेजारा बाँध स्थित है।
चम्बल नदी पर प्रमुख जल प्रपात –
• चूलिया– भैंसरोड़गढ़ (कोटा) , राजस्थान
• पातालपानी– इंदौर
• शीतलामाता– इंदौर
• झाड़ीदाह- इंदौर
बेतवा नदी
उद्गम– बुंदेलखंड की जीवन रेखा का उद्गम रायसेन के कुम्हरा गाँव से हुआ है।
मुहाना– बेतवा नदी उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में यमुना में मिल जाती है।
लम्बाई– 590 किमी.
बेतवा की सहायक नदियाँ– बीना, धसान व जामनी
बेतवा नदी की प्रमुख परियोजनाएँ –
• सम्राट अशोक परियोजना – विदिशा
• राजघाट (रानी लक्ष्मीबाई ) परियोजना – म.प्र. व उ.प्र.
• माताटीला परियोजना – म.प्र. व उ.प्र.
• परीछा परियोजना – उ.प्र.
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विशेष तथ्य –
• बेतवा की सहायक नदी बीना नदी के किनारे आगासोद गाँव में “बीना तेल रिफायनरी’’ स्थित है।
• बीना नदी के किनारे सागर जिले में स्थित एरण नामक स्थान में सती प्रथा के साक्ष्य मिले है।
• बेतवा नदी को “बुंदेलखंड की गंगा’’ व “म.प्र. की गंगा’’ कहा जाता है।
• बेतवा का आइलैंड देवगढ़ के किेले (उ.प्र.) को कहा जाता है।
• भालकुण्ड (राहतगढ़) जल प्रपात बीना नदी पर सागर जिले में स्थित है।
• बेतवा के किनारे स्थित शहर- विदिशा, भोजपुर, साँची, चन्देरी व ओरछा
• बेतवा नदी के किनारे धार्मिक स्थल भोजपुर, चंदेरी व ओरछा आदि बसे होने के कारण व प्रदुषण के आधार पर इसे मध्यप्रदेश की गंगा कहा जाता है।
सिंध नदी
उद्गम – सिंध नदी का उद्गम लटेरी तहसील विदिशा से होता है।
मुहाना – सिंध नदी उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में यमुना में मिल जाती है।
लम्बाई – 470 किमी.
सहायक नदियाँ – क्वाँरी, माहुर, पाहुज
सिंध नदी पर प्रमुख परियोजनाएँ –
• मणिखेड़ा (मोहिनी सागर) परियोजना – शिवपुरी
• गोपीकृष्ण बाँध – गुना
विशेष तथ्य –
• सिंध नदी के किनारे रतनगढ़ व सनकुँआ का मेला दतिया में लगता है।
केन नदी
उद्गम – केन नदी का उद्गम कैमूर पहाड़ी कटनी जिले से होता है।
मुहाना – यह उत्तरप्रदेश के बांदा जिले में यमुना से मिलती है।
लम्बाई – 427 किमी.
सहायक नदियाँ – सोनार, गुदेन, श्यामरी, मीरहसन, उर्मिल व चंद्रावल
केन नदी पर प्रमुख परियोजनाएँ –
• गंगेऊ परियोजना – पन्ना, छतरपुर
• रनगुवा परियोजना – छतरपुर
• उर्मिल परियोजना – छतरपुर
केन नदी
उद्गम – केन नदी का उद्गम कैमूर पहाड़ी कटनी जिले से होता है।
मुहाना – यह उत्तरप्रदेश के बांदा जिले में यमुना से मिलती है।
लम्बाई – 427 किमी.
सहायक नदियाँ – सोनार, गुदेन, श्यामरी, मीरहसन, उर्मिल व चंद्रावल
केन नदी पर प्रमुख परियोजनाएँ –
• गंगेऊ परियोजना – पन्ना, छतरपुर
• रनगुवा परियोजना – छतरपुर
• उर्मिल परियोजना – छतरपुर
केन नदी पर प्रमुख जलप्रपात –
• गाथा व पांडव जलप्रपात पन्ना जिले में स्थित है।
• रनेह जलप्रपात छतरपुर जिले में स्थित है।
विशेष तथ्य –
• केन नदी का पुराना नाम “शुक्तिमति’’ था।
• केन नदी पर केन घडि़याल केंद्र, पन्ना व छतरपुर सीमा पर स्थित है।
• भारत की पहली नदी लिंक परियोजना केन – बेतवा लिंक परियोजना (2005) है।
• म.प्र. पर्यटन विभाग के द्वारा इसे म.प्र. की सबसे सुन्दर नदी का दर्जा दिया गया है।
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टोंस नदी / तमसा नदी
उद्गम – टोंस नदी का उद्गम जुलेरी गाँव, सतना जिले से होता है।
मुहाना – यह नदी प्रयागराज जिले (उ.प्र.) में गंगा में मिल जाती है।
सहायक नदियाँ – बीहड़, महाना व बेलन नदी
परियोजना – टोंस परियोजना, रीवा जिले में स्थित है।
प्रमुख जलप्रपात –
• पूर्वा जलप्रपात – टोंस नदी पर रीवा जिले में स्थित है।
• पियावन व चचाई जलप्रपात – बीहड़ नदी पर रीवा जिले में स्थित है।
• केवटी जलप्रपात – महाना नदी पर रीवा जिले में स्थित है।
• बहुटी जलप्रपात – सेलर नदी पर रीवा जिले में स्थित है।
विशेष तथ्य –
• बहुती जलप्रपात म.प्र. का सबसे ऊँचा जलप्रपात है।
पूर्वी प्रवाहित प्रमुख नदियाँ
सोन नदी
उद्गम – सोन नदी का उद्गम अमरकंटक श्रेणी अनूपपुर जिला से होता है।
मुहाना – यह नदी मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश से होकर बिहार में पटना के निकट गंगा में मिल जाती है।
लम्बाई – 780 किमी.
सहायक नदियाँ – जोहिला, जारवही, बनास, गोपद, रिहन्द व कन्हेर
प्रमुख बाँध / परियोजनाएँ –
• बाणसागर परियोजना – देवलोंद, शहडोल में स्थित है। यह म.प्र., बिहार व उ.प्र. की संयुक्त परियोजना है।
• सोन नदी की सहायक नदी पर रिहन्द (गोविन्द बल्लभ पंत) परियोजना उ.प्र. में संचालित है।
विशेष तथ्य –
• सोन नदी पर सोन घडि़याल केंद्र, सीधी व शहडोल सीमा पर स्थित है।
• सेान नदी को प्राचनी काल में नन्द नदी व हिरण्यबाहु नदी के नाम से जाना जाता था।
•बाणसागर परियोजना का नामकरण कवि बाणभट्ट के नाम पर किया गया है।
पश्चिमी प्रवाहित प्रमुख नदियाँ
माही नदी
उद्गम – इसका उद्गम मिण्डा गाँव, सरदारपुर (धार) से होता है।
मुहाना – यह नदी मध्यप्रदेश, गुजरात व राजस्थान से होकर खम्भात की खाड़ी में जाकर गिर जाती है।
लम्बाई – 483 किमी.
सहायक नदियाँ – सोम, चाप, अनास व जाखम
प्रमुख परियोजनाएँ –
• जमनालाल बजाज परियोजना – राजस्थान
• कड़ाना बाँध परियोजना – गुजरात
विशेष तथ्य –
• माही नदी कर्क रेखा को दो बार काटती है।
• माही नदी को “ आदिवासी गंगा’’ कहा जाता है।
• बेणेश्र्वर त्रिवेणी संगम – राजस्थान में माही, सोम व जाखम नदी इस संगम का निर्माण करती है।
नर्मदा नदी
उद्गम – मध्यप्रदेश की जीवन रेखा कही जाने वाली नदी का उद्गम अमरकंटक, अनूपपुर जिले से होता है।
मुहाना – नर्मदा नदी मध्यप्रदेश , महाराष्ट्र व गुजरात से होते हुए खम्भात की खाड़ी में जाकर गिर जाती है।
लम्बाई – नर्मदा नदी की कुल लम्बाई 1312 किमी. व म.प्र. में इसकी लम्बाई 1077 किमी. है।
नर्मदा की सहायक नदियाँ –
• नर्मदा की कुल 41 सहायक नदियाँ हैं, जिनमें 22 बाएँ तरु से व 19 दाएँ तरु से आकर नर्मदा नदी में मिलती है।
• नर्मदा में बायीं तरफ से थावर, बंजर, शेर, शक्कर, तवा, सुक्ता, कुंडा व गोई आदि नदियाँ आकर मिलती है।
• नर्मदा में दायीं तरफ से हिरण, बारना, कोलार, मान व हथिनी आदि नदियाँ आकर मिलती है।
नर्मदा नदी पर प्रमुख परियोजनाएँ –
• थावर (मंडला),
• अवन्ति बाई (जबलपुर),
• इंदिरा सागर( खंडवा),
• देजला देवड़ा (खरगौन),
• महेश्वर (खरगौन),
• मान (धार),
• चंद्रशेखर(अलीराजपुर),
• लोअर गोई( बड़वानी),
• सरदार सरोवर (नर्मदा जिला, गुजरात)
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नर्मदा नदी पर प्रमुख जलप्रपात-
* कपिलधारा, दग्धधारा, दुर्गाधारा, शम्भूधारा, लक्ष्मणधारा, पंचधारा – अमरकंटक (अनूपपुर जिला)
* धुँआधार जलप्रपात – जबलपुर
* मन्धाता व दर्दी जलप्रपात – खंडवा
* सहस्त्रधारा जलप्रपात – खरगौन ( महेश्वर)
* जारवानी जल प्रपात – गुजरात
नर्मदा नदी पर प्रमुख घाट-
• गौरीघाट(जबलपुर) – इस घाट पर 24 फरवरी 2020 को म.प्र. गौकुम्भ का आयोजन किया गया।
• सेठानी घाट(होशंगाबाद)
• बरमान का घाट (गाडखाड़ा / नरसिंहपुर) – यहाँ मकर संक्रान्ति पर 13 दिनों के लिए बरमान का मेला आयोजित किया जाता है।
• महेश्वर घाट (खरगौन) – इसका निर्माण देवी अहिल्याबाई ने करवाया था। यह म.प्र. का सबसे लंबा नदी घाट है।
नर्मदा नदी म.प्र. में 15 जिले से प्रवाहित होती हैं – अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, रायसेन, होशंगाबाद, सीहोर, हरदा, देवास, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार व अलीराजपुर से प्रवाहित होती है।
विशेष तथ्य –
• गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर दुनिया की सबसे ऊँची सरदार पटेल की प्रतिमा “स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’’ का 31 अक्टूबर 2018 को अनावरण किया गया, इसकी ऊँचाई 182 मी. है व इसके वास्तुकार राम सुतार हैं।
• नर्मदा सेवा यात्रा का आयोजन 11 दिसंबर 2016 से 15 मई 2017 तक, कुल 148 दिन तक किया गया ।
• नर्मदा नदी का नामोदास नाम टॉलमी द्वारा दिया गया व इसके अन्य नाम रेवा, मेकलसुता व शंकरी (शंकर पुत्री) हैं।
• नर्मदा नदी को “ रिवर ऑफ प्लेजर’’ (खुशी की नदी) भी कहा जाता है।
• तीरे-तीरे नर्मदा के रचनाकार जबलपुर निवासी अमृतलाल बेगड़ को नर्मदा पुत्र कहा जाता है।
• टोर-टोर (महाशीर) मछली नर्मदा नदी में पाई जाती है।
• खरगौन जिलें के बड़वाह में नर्मदा नदी पर महाशीर मछली प्रजनन केन्द्र स्थापित किया गया है।
ताप्ती नदी
उद्गम – इस नदी का उद्गम बैतूल जिले के मुल्ताई से होता है।
मुहाना – ताप्ती नदी मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र व गुजरात होकर खम्भात की खाड़ी में गिर जाती है।
लम्बाई – 724 किमी
सहायक नदियाँ – पूर्णा, गिरना, बोरी, पांजरा, अमरावती व अरूणवती
प्रमुख बाँध / परियोजनाएँ-
• हटनूर बाँध – महाराष्ट्र
• उकाई परियोजना – गुजरात
ताप्ती नदी के किनारे प्रमुख शहर – बुरहानपुर , भुसावल, सूरत है।
विशेष तथ्य –
• ताप्ती नदी का अन्य नाम सूर्यपुत्री है।
• सर्वाधिक मिट्टी के टापू( MUD ISLAND) ताप्ती नदी में पाए जाते हैं।
• स्वाली बंदरगाह व सूरत बंदरगाह ताप्ती नदी पर गुजरात में स्थित है।
• ताप्ती नदी नर्मदा के समान्तर सतपुड़ा पर्वत व अजंता पर्वत के मध्य प्रवाहित होती है।
दक्षिणी प्रवाहित प्रमुख नदियाँ
वेनगंगा नदी
उद्गम – इसका उद्गम मुंडारा गाँव (गोपालगंज) सिवनी जिले से हुआ है।
मुहाना – यह नदी म.प्र. से निकल कर महाराष्ट्र में प्राणहिता संगम का निर्माण करते हुए गोदावरी में मिल जाती है।
लम्बाई – 569 किमी.
सहायक नदियाँ – वर्धा , बावनथड़ी व पेंच नदी
प्रमुख बाँध / परियोजनाएँ –
• संजय सरोवर / भीमगढ़ बाँध – वेनगंगा नदी पर सिवनी जिले में स्थित है।
• धूती बाँध – वेनगंगा नदी पर बालाघाट में स्थित है।
• राजीव सागर परियोजना – बावनथड़ी नदी पर बालाघाट जिले में स्थित है।
• माचागोरा बाँध – पेंच नदी पर छिंदवाड़ा जिले में स्थित है।
विशेष –
• म.प्र. की पहली नहर – वेनगंगा नहर, जिसका निर्माण 1923 में किया गया था।
• बालाघाट शहर, वेनगंगा नदी के किनारे पर स्थित है।
पेंच नदी
• पेंच नदी का उद्गम छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव से हुआ है।
• यह नदी इंदिरा प्रियदर्शिनी पेंच राष्ट्रीय उद्यान से गुजरती है, जिसे “लैंड ऑफ मोगली’’ भी कहा जाता है।
• स्थानीय लोगो के अनुसार मोगली सिवनी जिले के आमोदागढ़ में पाया गया था।
• रूडयार्ड किपलिंग द्वारा लिखित “द जंगल बुक’’, “द सेकंड जंगल बुक’’ व “रेड डॉग बुक’’ में मोगली का उल्लेख किया है।
वर्धा नदी
• वर्धा नदी का उद्गम बैतूल जिले के कालीभीत पहाड़ी क वर्धन शिखर से होता है, यह महाराष्ट्र में जाकर वेनगंगा से मिलकर प्राणहिता संगम का निर्माण करती है।
• इन नदी के किनारे महाराष्ट्र में सेवाग्राम और पवनार आश्रम स्थित है।
प्राणहिता नदी
• प्राणहिता नदी, वर्धा व वेनगंगा का संगम है।
• “ द राईज ऑफ शिवगामी’’ आनंद नीलकांतन द्वारा लिखित उपन्यास में प्राणहिता नदी का वर्णन है। बाहुबली फिल्म इसी उपन्यास पर आधारित है।
EXAM HELP
• मध्यप्रदेश की गंगा – बेतवा (प्रदुषण के आधार पर)
• मध्यप्रदेश की गंगा – नर्मदा (पवित्रता के आधार पर)
• बुंदेलखंड की गंगा – बेतवा नदी
• आदिवासी गंगा – माही नदी
• मालवा की गंगा – क्षिप्रा नदी
• रिवर ऑफ प्लीज़र (खुशियों की नदी) – नर्मदा नदी
• मध्यप्रदेश की सबसे सुन्दर नदी – केन नदी
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