मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान व वन्य जीव अभ्यारण्य National Park & Wildlife Sanctuaries of Madhya Pradesh
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राष्ट्रीय पार्क और अभ्यारण्य में अंतर
राष्ट्रीय पार्क | अभ्यारण्य |
---|---|
राष्ट्रीय उद्यानों में मानवीय क्रियाकलाप प्रतिबंधित है । | अभ्यारण्यों में मानवीय क्रियाकलापों की अनुमति होती है। |
यहाँ पशु चराई पर पूर्णत: प्रतिबंध होता है । | यहाँ पशु चराई पर प्रतिबंध नहीं होता है । |
सामान्यत: आरक्षित वनों में बनाये जाते है। | सामान्यत: संरक्षित वन में बनाये जाते है । |
• मध्यप्रदेश में वर्तमान में 12 राष्ट्रीय उद्यान हैं, इन राष्ट्रीय उद्यानों को दो भागों में बांटा जा सकता है ।
प्रोजेक्ट टाइगर राष्ट्रीय उद्यान | अन्य राष्ट्रीय उद्यान |
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कान्हा किसली, पेंच, बाँधवगढ़, पन्ना, सतपुड़ा, संजय – ढि़बरी | माधव, जीवाश्य राष्ट्रीय उद्यान, डायनासोर राष्ट्रीय उद्यान, वन विहार, ओंकारेश्वर, कुनो पालपुर (प्रस्तावित) |
प्रोजेक्ट टाइगर कार्यक्रम –
• इसकी शुरूआत 1973 में भारत सरकार ने की थी । मध्यप्रदेश में इस कार्यक्रम की शुरूआत वर्ष 1974
में कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान से की गई ।
• म.प्र. में बाघों की सर्वाधिक संख्या होने के कारण इसे “ टाइगर स्टेट’’ कहा जाता है ।
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बाघ रिपोर्ट (2018)
क्र. | राज्य | बाघों की संख्या |
1. | मध्यप्रदेश | 526 |
2. | कर्नाटक | 524 |
3. | उत्तराखंड | 442 |
कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान (मंडला – बालाघाट)
• यह मध्यप्रदेश का पहला राष्ट्रीय उद्यान है।
• क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है, इसका कुल क्षेत्रफल 940 वर्ग किमी. है ।
• इसको 1933 में वन्य जीव अभ्यारण्य एवं 1955 में राष्ट्रीय उद्यान व 1974 में इस उद्यान को “प्रोजेक्ट टाइगर’’ में शामिल किया गया ।
• यहाँ से बंजर व हॉलों नदियाँ प्रवाहित होती है ।
• विश्व बैंक की सहायता से पार्क इंटरप्रिटेशन योजना चल रही हैं, जिसमें पन्ना, बाँधवगढ़, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के मध्य “जंगल गलियारा’’ का निर्माण किया जायेगा ।
• म.प्र. का पहला राष्ट्रीय उद्यान जहाँ हवाई पट्टी सुविधा उपलब्ध है ।
• ब्रेडरी प्रजाति का बारहसिंगा केवल इसी राष्ट्रीय उद्यान में पाया जाता है ।
• सर्वाधिक बाघ इसी राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाते हैं ।
• भारत का एक मात्र राष्ट्रीय उद्यान जिसने अपना शुभंकर (Mascot) 2017 जारी किया हैं । शुभंकर का नाम “भूरसिंह द बारहसिंगा’’ है, इसकी डिजाईन रोहन चक्रवर्ती ने दी है ।
• इस राष्ट्रीय उद्यान में भूरसिंह प्ले स्कूल प्रस्तावित है ।
• तेलंगाना की संस्था LACONES की 2019 के अनुसार कान्हा किसली के बाघों के शरीर में मेटाबोलाइट्स नामक केमिकल पाया जाता है, जिसके कारण बाघ अत्यधिक तनाव में रहते हैं ।
माधव राष्ट्रीय उद्यान (शिवपुरी)
• इसे 1958 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया ।
• यह राष्ट्रीय उद्यान NH – 46 राजमार्ग पर स्थित है ।
• यहाँ सांख्य सागर, जाधव सागर व माधव सागर झील स्थित है ।
• यहाँ पहाड़ी की चोटी पर भव्य जॉर्ज कैसल भवन स्थित है, जॉर्ज केसल भवन का निर्माण जॉर्ज पंचम व मेरी के स्वागत के लिए 1911 में किया गया था, लेकिन किसी कारणवश उनका आगमन नहीं हुआ ।
• इस राष्ट्रीय उद्यान में मनिहार नदी प्रवाहित होती है ।
• यहाँ सर्वाधिक तेंदुआ पाया जाता है ।
बाँधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान (उमरिया)
• इस राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना 1968 में की गई व वर्ष 1993 में इसे “प्रोजेक्ट टाइगर’’ में सम्मिलित किया गया।
• इस राष्ट्रीय उद्यान की ऐतिहासिकता शिव पुराण में वर्णित है ।
• यह 32 पहाडि़यों से घिरा राष्ट्रीय उद्यान है ।
• बघेल राजाओं की शिकार स्थली रही है ।
• बाघों का अधिक घनत्व होने के कारण इसकी तुलना रणथंबौर राष्ट्रीय उद्यान से की जाती है ।
• यहाँ भगवान विष्णु की लेटी हुई प्रतिमा स्थापित है ।
• इस राष्ट्रीय उद्यान से चरणगंगा नदी प्रवाहित होती है ।
• यहाँ जंगली भैंसों का संरक्षण भी होता है ।
• इसी राष्ट्रीय उद्यान में संस्कृत अभिलेख स्थित है ।
• इस राष्ट्रीय उद्यान में बाँस की सर्वाधिक प्रजातियाँ पाई जाती है ।
पेंच राष्ट्रीय उद्यान (सिवनी/ छिंदवाड़ा/ नागपुर)
• 1975 में राष्ट्रीय उद्यान तथा 1992 में “प्रोजेक्ट टाइगर’’ में शामिल किया गया ।
• इसका अन्य नाम “इंदिरा प्रियदर्शनी’’ है।
• रूडयार्ड किपलिंग की पुस्तक “जंगल बुक’’ की परिकल्पना यहीं कि गई थी, इसलिए पेंच राष्ट्रीय उद्यान को मोगली लैंड भी कहा जाता है।
• इसके बीचों – बीच पेंच व हिर्री नदी प्रवाहित होती है ।
• इसका वर्णन अकबरनामा में मिलता है ।
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान (भोपाल)
• यह 1979 में राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया ।
• नगरीय क्षेत्र के बीचों – बीच एक मात्र राष्ट्रीय उद्यान है ।
• प्रथम सर्प उद्यान यही स्थापित किया गया है ।
• इसको आधुनिक चिडि़याघर भी कहा जाता है ।
• ISO 9001 : 2008 अवार्ड प्राप्त करने वाला पहला राष्ट्रीय उद्यान है ।
• यहाँ बर्ड इंटरप्रिटेशन पार्क स्थित है, जिससे पक्षियों को गोद लेने की योजना प्रारम्भ है ।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान (पन्ना और छतरपुर)
• 1981 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया एवं 1994 में इसे “प्रोजेक्ट टाइगर’’ में शामिल किया गया।
• इसे भारत के राष्ट्रीय उद्यानों की रत्न कहा जाता है ।
• चिंकारा की अधिकता के कारण इसकी तुलना सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान से की जाती है ।
• इसको भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय से 2017 में सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय उद्यान का पुरूस्कार मिला ।
• यहाँ पांडव जलप्रपात स्थित है ।
• इसके बीचों – बीच केन नदी प्रवाहित होती है ।
• रेप्टाइल्स पार्क यहीं स्थित है ।
• जंगली भैंसे सर्वाधिक पाए जाते है ।
• यहाँ पर गिद्ध पुर्नवास केन्द्र स्थित है ।
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सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान पचमढ़ी (होशंगाबाद)
• इसकी स्थापना 1981 में की गई थी ।
• इसे 1999 में “प्रोजेक्ट टाइगर’’ में शामिल किया गया है ।
• इसके बीचों – बीच देनवा नदी प्रवाहित होती है ।
• इसमें सर्वाधिक कृष्ण मृग व गौर पक्षी पाया जाता है ।
• यह पचमढ़ी बायो स्फीयर रिजर्व में शामिल है ।
• हाल ही में महुआ का वृक्ष चर्चे में रहा था जो इसी राष्ट्रीय उद्यान का भाग है ।
संजय हुबरी राष्ट्रीय उद्यान (सीधी/ छत्तीसगढ़/ सरगुजा)
• इसे 1981 में राष्ट्रीय उद्यान एवं 2008 में “प्रोजेक्ट टाइगर’’ में शामिल किया गया ।
• छत्तीसगढ़ में इसका नाम “गुरूघासीदास’’ राष्ट्रीय उद्यान है ।
• प्रमुख पर्यटनीय स्थल – कन्हैया दाज जल प्रपात, रामदाहा कुण्ड है ।
• इस राष्ट्रीय उद्यान से बनास नदी प्रवाहित होती है ।
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जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान (डिण्डोरी)
• वर्ष 1983 में डिण्डोरी के घुघवा नामक गाँव में म.प्र. के पहले जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना की गई ।
• यह मध्यप्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है ।
• इसका क्षेत्रफल 0.27 वर्ग किमी. है ।
• भारत का दूसरा सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान है ।
• भारत में जीवाश्म अध्ययन के पिता अशोक साहनी को कहा जाता है ।
ओंकारेश्वर राष्ट्रीय उद्यान (खण्डवा)
• यह 2004 में बनाया गया ।
डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान (धार)
• यह 2010 में बनाया गया 1
• यहाँ पर डायनासोर के अण्डे के जीवाश्म रखे गये हैं ।
• यहाँ पर जोबट नदी प्रवाहित होती है ।
कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान श्योपुर
• 2018 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया है । (वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रस्तावित)
• वर्तमान में म.प्र. में वन्य जीव अभ्यारण्यों की संख्या 31 है, जिनमें से कुछ अभ्यारण्य ऐसे हैं जो किसी विशेष जन्तु या पक्षी के लिये आरक्षित किए गए है ।
विशेष जन्तुओं के संरक्षण के लिए अभ्यारण्य

मध्यप्रदेश का प्रमुख अभ्यारण्य
अभ्यारण्य | स्थान | स्थापित वर्ष |
खेवनी | देवास/ सीहोर | 1955 |
नरसिंहगढ़ (रॉक अभ्यारण्य) | राजगढ़ | 1974 |
सोन घडि़याल | सीधी/ शहडोल | 1974 |
रातापानी (पहला अभ्यारण्य “टाइगर प्रोजेक्ट’’ प्रस्तावित 2018-19) | रायसेन | 1976 |
बोरी (सागौन सर्वाधिक) | होशंगाबाद | 1977 |
चम्बल घडि़याल (देवरी घडि़याल) | मुरैना | 1978 |
बगदरा | सीधी | 1978 |
गंगेऊ | पन्ना | 1979 |
करेरा | शिवपुरी | 1981 |
केन घडि़याल | छतरपुर व पन्ना | 1981 |
कुनो पालपुर (राष्ट्रीय उद्यान प्रस्तावित) | श्योपुर | 1981 |
घाटीगाँव | ग्वालियर | 1981 |
गाँधीसागर ( गिद्ध संरक्षण परियोजना प्रस्तावित) | मंदसौर | 1981 |
फैन | मण्डला | 1983 |
पनपठा | शहडोल | 1983 |
सैलाना (दूसरा सबसे छोटा) | रतलाम | 1983 |
सरदारपुर (दूधराज पक्षी के लिए प्रसिद्ध) | धार | 1983 |
नौरादेही (सबसे बड़ा) (देश में लुप्त चीते की प्रजातियों की पुर्नस्थापना नौरादेही में की जा रही है) | सागर | 1984 |
रालामण्डल (सबसे छोटा) | इंदौर | 1989 |
ओरछा | टीकमगढ़ | 1994 |
दुर्गावती | दमोह | 1997 |
कामधेनू गौ अभ्यारण्य (भारत का पठार) | आगर मालवा | 2014 |
मान्धाता | खण्डवा | 2016 |
कट्ठीवाड़ा | अलीराजपुर | 2016 |
कालीभीत (भालू के लिए प्रसिद्ध) | बैतूल | 2016 |
सुरमानिया | खण्डवा | 2016 |
म.प्र. के जैव मण्डल आरक्षित क्षेत्र
पचमढ़ी – (1999) होशंगाबाद –
• सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान एवं बोरी घाटी अभ्यारण्य शामिल है । इसे 2009 में यूनेस्कों की सूची में शामिल किया गया ।
• बड़ी गिलहरी एवं उड़ने वाली गिलहरी पाई जाती है।
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अमरकंटक अचानकमार –(2005) मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़
• यहाँ पर सारस क्रेन पाए जाते हैं ।
• इसे 2012 में यूनेस्कों की सूची में शामिल किया गया ।
पन्ना जैव मंडल आरक्षित क्षेत्र – (2011) पन्ना एवं छतरपुर
• केन नदी बीचों – बीच से गुजरती है ।
• इसके अंतर्गत गंगेऊ अभ्यारण्य, केन अभ्यारण्य व पन्ना राष्ट्रीय उद्यान शामिल है ।
• 2020 में पन्ना को यूनेस्को की सूची में शामिल किया गया ।
Important Exam Points:-
• सबसे बड़ा अभ्यारण्य – नौरादेही (सागर) इसका क्षेत्रफल 1194.670 वर्ग किमी. है, यहाँ पर चीता पुर्नवास केन्द्र है और यहाँ नामिबिया देश से अफ्रीकन चीता लाने की योजना प्रस्तावित है।
• सबसे छोटा अभ्यारण्य – रालामण्डल (इंदौर) इसका क्षेत्रफल 2.340 वर्ग किमी. है।
• पालपुर – कुनों अभ्यारण्य (श्योपुर) में गिर राष्ट्रीय उद्यान गुजरात के एशियाई शेरों को बसाये जाने की योजना प्रस्तावित है ।
• मध्यप्रदेश का पहला वन्य जीव जागरूकता केन्द्र रालामंडल इंदौर में स्थापित किया गया हैं।
• भारत का सबसे बड़ा घडि़याल केन्द्र चम्बल (मुरैना) में है तथा यहाँ पर डॉल्फिन का संरक्षण भी किया जाता है ।
• व्हाइट टाइगर सफारी – मुकुंदपुर (सतना) में इसका उद्धघाटन 3 अप्रैल 2016 को हुआ, यहाँ सफेद शेरों को बसाया गया है ।
• राष्ट्रीय उद्यानों में सर्वाधिक संख्या में पाया जाने वाला पशु चीतल है ।
• विश्व में प्रोजेक्ट टाइगर के जन्मदाता “ गेनी मेनफोर्ड’’ को कहा जाता है ।
• भारत में प्रोजेक्ट टाइगर क जन्मदाता “ कैलाश सांख्ला’’ को कहा जाता है ।
• जंगल गलियारा के तहत कान्हा किसली व बाँधवगढ़ को जोड़ने का प्रस्ताव है ।
• गिद्ध जनगणना 2019 के अनुसार प्रदेश में 7,906 गिद्ध पाए जाते है । मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में सर्वाधिक गिद्ध पाए जाते है ।
वन सम्बंधित अधिनियम
• भारतीय वन अधिनियम – 1927
• भारतीय वन्य जीव अधिनियम – 1972
• भारतीय वन संरक्षण अधिनियम – 1980
• भारतीय पर्यावरण संरक्षण अधिनियम – 1986
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