मध्यप्रदेश का साहित्य Literature of Madhya Pradesh
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महाकाव्य
• रघुवंश – इसके अन्तर्गत महाराज दिलीप से लेकर रघुवंश के अन्य राजाओं का सुन्दर वर्णन है ।
• कुमार संभव – इसमें शिव की कथा का वर्णन है ।
नाटक –
• अभिज्ञान शाकुन्तलम् – यह कालीदास का सबसे प्रसिद्ध नाटक है । इसमें दुष्यन्त और शकुन्तला की प्रेम कहानी का वर्णन किया गया है ।
• मालविकाग्निमित्रम् – कालीदास की सबसे पहली रचना मालविकाग्निमित्रम् है । इसमें मालविका और शुंग वंश के शासक अग्निमित्र की कहानी है । इस ग्रंथ से शुंग वंश की जानकारी प्राप्त होती है ।
• विक्रमोर्वशीयम् – इसमें मृत्युलोक के राजा पुरूरवा तथा देवलोक की अप्सरा उर्वशी की कहानी है ।
खंडकाव्य –
• ऋतुसंहार – इस रचना में कालीदास ने बसंत ऋतु को ऋतुराज बताया ।
• मेघदूत – इसमें यक्ष अपनी प्रेमिका को रामगिरि (विंध्याचल) पर्वत से मेघ (बादल) के माध्यम से सन्देश प्रेषित करने का वर्णन है ।
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भर्तृहरि –
• इनका जन्म उज्जैन में हुआ था व समाधि स्थल सरिस्का (राजस्थान) है ।
• इनकी रचनाएँ श्रृंगार शतक, नीति शतक, वैराग्य शतक हैं, जिन्हे शतकत्रयी के नाम से जाना जाता है ।
बाणभट्ट –
• यह हर्षवर्धन के दरबारी कवि थे ।
• हर्षवर्धन ने उन्हें कवि चक्रवर्ती की उपाधि दी ।
• बाणभट्ट का प्रकृति चित्रण बहुत ही मनोहारी था व उन्हें साहित्य के वनांचल का केसरी कहा जाता है ।
• इनकी रचनाएँ हर्षचरित्र व कादम्बरी हैं ।
भवभूति –
• भारतीय मिल्टन के नाम से प्रसिद्ध, इनका वास्तविक नाम श्रीकण्ठ था ।
• इनकी रचनाएँ मालतीमाधव, उत्तररामचरित, महावीर चरित्र हैं ।
राजशेखर –
• त्रिपुरी के कल्चुरी वंश के महान युवराज देव प्रथम (915-945 ई.) साहित्य के महान आश्रय दाता थे। जिनके दरबार में संस्कृत के प्रसिद्ध नाटककार राजशेखर रहते थे ।
• राजशेखर की प्रमुख रचनाएँ काव्यमीमांसा, कर्पूरमंजरी (कल्चुरी वंश का वर्णन), बाल रामायण, बाल भारत हैं ।
मध्यकालीन साहित्यकार
केशव –
• केशव को मुगलबादशाह जहांगीर का संरक्षण प्राप्त था ।
• इन्हें “ कठिन काव्य का प्रेत’’ भी कहा जाता है ।
• ओरछा के नरेश इंद्रजीत के दरबार में राजकवि थे ।
• केशव ने श्रृंगार रस में अधिक रचनाएँ लिखी है ।
• इनकी प्रमुख रचनाएँ – कवि प्रिया, रसिक प्रिया, विज्ञान गीता, रामचन्द्रिका व रत्न वावणी हैं ।
पद्माकर –
• इनका जन्म सागर (म.प्र.) में हुआ ।
• इनकी प्रमुख रचनाएँ – गंगा लहरी, यमुना लहरी, जगत विनोद, राम रसायन, हितोपदेश हैं ।
भूषण –
• इनका उपनाम जटा शंकर था, इनका जन्म कानपुर के निकट माना जाता है ।
• भूषण को बुंदेला शासक छत्रसाल का संरक्षण प्राप्त था ।
• भूषण ने वीर रस प्रधान काव्य लिखा ।
• इनकी प्रमुख रचनाएँ – शिवराज भूषण, शिवाबावनी , छत्रसाल दशक, भूषण हजारा, भूषण विलास हैं ।
राजा भोज –
• इनका जन्म उज्जैन में हुआ ।
• इनकी प्रमुख रचनाएँ – भोज प्रबंधनम (आत्मकथा), सरस्वती कंठाभरण, विद्या विनोद, सिद्धांत
संग्रह, चारूचर्चा, समरांगण सूत्रधार है ।
आधुनिक साहित्यकार
माखनलाल चतुर्वेदी –
• इनका जन्म 1888 में बाबई (होशंगाबाद) हुआ, व कर्मभूमि खंडवा रही है ।
• इन्हें “ भारतीय आत्मा’’ भी कहा जाता है ।
• प्रभा पत्रिका का सम्पादन खण्डवा से किया गया, जबकि कर्मवीर का सम्पादन जबलपुर से किया गया ।
• माखनलाल चतुर्वेदी को “हिमतरंगिनी’’ कविता संग्रह के लिये प्रथम साहित्य अकादमी पुरूस्कार 1954 में दिया गया ।
• माखनलाल चतुर्वेदी गाँधीवादी विचारों से प्रभावित थे और असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन व भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया ।
• इनकी प्रमुख रचनाएँ – हिमकिरीटनी (कविता संग्रह), हिम तरंगिनी, दीप से दीप, युगचरण, समय के पाँच (संस्मरण), पुष्प की अभिलाषा (बिलासपुर जेल में लिखी ) हैं ।
गजानंद माधव मुक्तिबोध –
• इनका जन्म श्योपुर जिले में हुआ ।
• इनकी प्रमुख रचनाएँ – चाँद का मुँह टेड़ा, अंधेरे में, ब्रम्हाराक्षस व चम्बल की छाती हैं ।
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सुभद्रा कुमारी चौहान –
• इनका जन्म प्रयाग (1904) इलाहाबाद के पास हुआ व कार्यस्थली जबलपुर रही है ।
• इनका विवाह खंडवा के ठाकुर लक्ष्मण सिंह के साथ हुआ था ।
• इनकी मृत्यु – सिवनी में कार दुर्घटना में (1948) हुर्इ ।
• प्रमुख रचनाएँ – त्रिधारा, मुकुल, झाँसी की रानी, सभा के खेल, बिखरे मोती व उन्मादिनी हैं ।
हरिशंकर परसाई –
• इनका जन्म – जमानी गाँव (होशंगाबाद जिला) में हुआ ।
• इन्होंने ‘वसुधा’ तथा ‘प्रहरी’ नामक पत्रिका का सम्पादन जबलपुर से किया ।
• इनकी प्रमुख रचनाएँ – तट की खोज, निल्लों की डायरी, टार्च बेचने वाला, रानीनागफनी की कहानी, सदाचार का ताबीज, ठिठुरता गणतंत्र व भूत के पाँव पीछे है ।
शरद जोशी –
• इनका जन्म 1931 में उज्जैन में हुआ ।
• इन्हें 1983-84 में पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त हुआ ।
• इनकी प्रमुख रचनाएँ – परिक्रमा, जीप पर सवार इल्लियाँ, एक था गधा, अंधों का हाथी, तिल्शिम (
जादुई दुनिया), फिर किसी बहाने, सह किनारे बैठे व मैं, मैं, और केवल मैं हैं ।
मुल्ला रामू जी –
• इनका जन्म 1896 में भोपाल में हुआ ।
• इनका पूरा नाम मोहम्मद सिद्धकी मुल्ला रामू जी था व ये गुलाबी उर्दू के जनक माने जाते हैं ।
• इनकी रचनाएँ – लाठी और भैंस, औरत जात, अंगूरा व मुसाफिर खाना हैं ।
आचार्य नन्द दुलारे वाजपेयी –
• इनका जन्म उन्नाव जिला उ.प्र. में हुआ ।
• इनकी कर्मस्थली व मृत्यु स्थान उज्जैन था ।
• इनकी रचनाएँ पूर्व कवियों और लेखकों के नाम पर हैं ।
• इनकी रचनाएँ – जय शंकर प्रसाद, प्रेमचन्द, महाकवि सूरदास व महाकवि निराला है ।
बाल कृष्ण शर्मा नवीन –
• इनका जन्म 1897 में म.प्र. के शाजापुर जिले में हुआ ।
• ये लोकसभा सदस्य और राजसभा सदस्य भी रहे हैं ।
• ये संविधान सभा के सदस्य भी रहे हैं ।
• इनकी प्रमुख रचनाएँ – कुमकुम, रश्मिरेखा, अपलक, उर्मिला हैं ।
भवानी प्रसाद मिश्र –
• इनका जन्म 1914 में टिगरिया ग्राम जिला होशंगाबाद में हुआ ।
• इनका कार्यक्षेत्र वर्धा (महाराष्ट्र) रहा है ।
• इन्होने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था ।
• इनकी प्रमुख रचनाएँ – गीत फरोश, सन्नाटा व बुनी हुई रस्सी हैं ।
मध्यप्रदेश के लोक साहित्यकार
जगनिक –
• इनका संबंध बुंदेलखंड से है ।
• इनकी प्रमुख रचना आल्हा खंड (आल्हा गायन) जिसमें 52 खंड हैं । विश्व सबसे लम्बी कविता आल्हाखंड मानी जाती है ।
सिंगाजी –
• संत सिंगाजी मध्यप्रदेश के निमाड़ क्षेत्र के प्रमुख संत थे ।
• इन्हे निमाड़ का कबीर भी कहा जाता है ।
• इनका जन्म बड़वानी म.प्र. में हुआ ।
• इन्हें निमाड़ क्षेत्र में पशु रक्षक देव के नाम से पूजा जाता है ।
• इनकी रचनाएँ बारहमासी व पन्द्रह तिथि है ।
घाघ –
• घाघ जी के जन्म को लेकर विवाद है ।
• इनकी कहानी कृषि से सम्बंधित है व ये अकबर के समकालीन रहे है।
• इनकी प्रमुख रचना घाघ भादरी की रचनाएँ है ।
ईसुरी –
• इनका जन्म झाँसी जिलें के मैण्डकी गाँव में हुआ था ।
• इनका पूरा नाम हरताल ईसुरी था ।
• इनकी रचनाएँ – ईसुरी की फाग, ईसुरी प्रकाश व ईसुरी सतसई है ।
साहित्य कला से जुड़ी संस्थाएँ
रवीन्द्र भवन, भोपाल
• स्थापना – 1884
• उद्देश्य – यहां विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक शैक्षणिक तथा कलात्मक क्रियाकलाप होते हैं ।
मध्यप्रदेश कला परिषद, भोपाल
• स्थापना – 1952
• उद्देश्य – राज्य की संगीत, नृत्य, नाटक और ललित कलाओं को प्रोत्साहन देना ।
मध्यप्रदेश की साहित्य परिषद, भोपाल
• स्थापना – 1954
• उद्देश्य – प्रदेश में हिन्दी साहित्य के प्रोत्साहन व संरक्षण हेतु नये रचनात्मक एवं आलोचनात्मक साहित्य का प्रकाशन इत्यादि करना ।
मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी , भोपाल
• स्थापना – 1969
• उद्देश्य – इस संस्था का कार्य हिन्दी में विश्वविद्यालय पाठयक्रम के लिए पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराना है ।
मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी, भोपाल
• स्थापना – 1976
• उद्देश्य – उर्दू साहित्य व संगोष्ठी को प्रोत्साहन देना ।
कालिदास अकादमी, उज्जैन
• स्थापना – 1977 – 78
• उद्देश्य – कालिदास तथा संस्कृत की गौरवपूर्ण कृतियों का विश्व की भाषाओं में , अनुवाद तथा प्रकाशन का कार्य करती है ।
भारत भवन, भोपाल
• स्थापना – 13 फरवरी 1982 , उद्धाटन- इंदिरा गाँधी के द्वारा किया गया ।
• भारत भवन के वास्तुकार चार्ल्स कोरिया थे ।
• यह श्यामला हिल्स पर स्थित है ।
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- मध्यप्रदेश के वन संसाधन
- मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान व वन्य जीव अभ्यारण्य
- मध्यप्रदेश की जलवायु
- मध्यप्रदेश की जनजातियां
- मध्यप्रदेश के ऊर्जा संसाधन
- मध्यप्रदेश के खनिज संसाधन
- मध्यप्रदेश के उद्योग
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- मध्यप्रदेश की लोक कल्याणकारी योजनाऐं
- मध्यप्रदेश की पंचवर्षीय योजनाऐं
- मध्यप्रदेश की जनसंख्या परिदृश्य
- मध्यप्रदेश की पुलिस व्यवस्था
म.प्र. सिन्धी साहित्य अकादमी, भोपाल
• स्थापना – 1983
• उद्देश्य – हिन्दी, सिन्धी, उर्दू, पंजाबी का एक मंच पर कविता, कहानी पाठ, इत्यादि करना ।
मध्यप्रदेश संस्कृत अकादमी, भोपाल
• स्थापना – 1985
• उद्देश्य – संस्कृत साहित्य को बढ़ावा देने के लिए अकादमी व्याख्यान, परिचर्चा, समारोह, संगोष्ठी, एवं पुरस्कार का आयोजन करती है ।
मध्यप्रदेश तुलसी अकादमी, भोपाल
• स्थापना – 1987
• उद्देश्य – मुख्य उद्देश्य तुलसी साहित्य का प्रचार प्रसार करना है ।
भोजपुरी एवं पंजाबी साहित्य अकादमी, भोपाल
• स्थापना – 2013
• उद्देश्य – भोजपुरी व पंजाबी भाषा के विकास हेतु इस अकादमी का गठन किया है ।
साहित्यकारों से सम्बंधित समारोह
समारोह | स्थान |
कालिदास समारोह | उज्जैन |
पद्माकर | सागर |
सुभद्रा कुमारी चौहान | जबलपुर |
बालकृष्ण शर्मा | शाजापुर |
माखनलाल | खंडवा |
राजशेखर | भोपाल |
भवभूति | ग्वालियर |
केशव | ओरछा |
मध्यप्रदेश के प्रमुख सृजन पीठ
निराला सृजन पीठ – बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय , भोपाल |
प्रेमचंद सृजन पीठ – विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन |
मुक्तिबोध सृजन पीठ – हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर |
सुभद्रा कुमारी चौहान सृजनपीठ – जबलपुर |
तुलसी सृजनपीठ – चित्रकूट, गाँधी ग्राम उद्योग विश्वविद्यालय में प्रस्तावित |
गांधी शोध पीठ – अहिल्याबाई विश्वविद्यालय, इन्दौर |
मध्यप्रदेश संस्कृत अकादमी भोपाल में व कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन में स्थित है ।
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